प्रधानमंत्री मोदी की सभी योजनाओं के संचालन की निगरानी करेंगे शिवराज चौहान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्रीय कृषि, किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में एक निगरानी समूह का गठन किया है, जो प्रधानमंत्री द्वारा घोषित / संचालित योजनाओं तथा केन्द्रीय बजट, अधीनस्थ विधान तथा अन्य बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करेगा।
सूत्रों से पता चला है कि नवगठित निगरानी समूह की पहली बैठक 18 अक्टूबर को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में हुई थी, जिसमें रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष समेत भारत सरकार के सभी सचिव Hybrid मोड में बैठक में शामिल होते हुए नजर आए थे। मध्य प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके शिवराज सिंह चौहान प्रधानमंत्री के नेतृत्व में निगरानी समूह की हर महीने साउथ ब्लॉक स्थित PMO में बैठक होगी, जिसमें सभी सरकारी योजनाओं की समीक्षा की जाएगी और उन्हें Ground Level पर संचालित किया जाएगा ।
बैठक में शामिल अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में उनके नेतृत्व में पहली NDA सरकार बनने के बाद से ही घोषित परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी के लिए चौहान को शक्तियां सौंपी हैं। सूत्रों से यह भी पता चला है कि अतिरिक्त सचिवों और संयुक्त सचिवों के स्तर के वरिष्ठ अधिकारी जो प्रधानमंत्री द्वारा घोषित विभिन्न योजनाओं के लिए नोडल अधिकारी के रूप में काम कर रहे थे, उन्हें निगरानी समूह की बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया है।
हालांकि सरकार निगरानी समूह के बारे में कुछ नहीं कह रही है, लेकिन शिवराज सिंह चौहान से निम्नलिखित योजनाओं की समीक्षा करने की उम्मीद है: प्रधानमंत्री के पोर्टल में सूचीबद्ध घोषणाएं; वे परियोजनाएं जिनकी आधारशिला मोदी ने रखी; बजट घोषणाएं; अधीनस्थ विधान या कानून जिनके लिए नियम अभी बनाए जाने हैं; तथा अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाएं।
सिंहावलोकन के अलावा, शिवराज सिंह चौहान संबंधित सचिवों को यह भी बताएंगे कि यदि कोई परियोजना पिछड़ रही है या उसे सर्वोच्च कार्यालय से अंतर-मंत्रालयी समर्थन की आवश्यकता है तो PMO की क्या अपेक्षाएं हैं।
माना जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी रोज़मर्रा के प्रशासन और वैश्विक मामलों में अपनी भागीदारी के कारण सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी को लेकर चिंतित हैं और अक्सर अपने सचिवों और PMO के शीर्ष अधिकारियों के साथ बंद कमरे में होने वाली बैठकों में अपनी आशंकाओं को जाहिर करते रहे हैं। माना जाता है कि 65 वर्षीय शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गठित यह निगरानी समूह इसी का परिणाम है, जिन्हें व्यापक रूप से एक कुशल प्रशासक के रूप में देखा जाता है।