Cost Of One Rupee Coin: एक रुपये का सिक्का बनाने में कितना खर्च आता है? क्या कीमत से ज्यादा होती है इसकी बनाने की लागत

Sudhanshu Dahiya
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एक रूपिया 

Rupee Coin Making Cost


क्या आपने कभी सोचा है कि एक रुपये के सिक्के की निर्माण लागत क्या होती है? क्या यह सिक्के के असली मूल्य से अधिक होती है या कम ? आज कल ये सवाल ट्रेंड कर रहा है। भारत में एक रुपये के सिक्के की निर्माण लागत ₹1.11 है, जो सिक्के के मूल्य से अधिक है। इस लेख में, हम एक रुपये के सिक्के के निर्माण और उसकी लागत के बारे में विस्तार से जानेंगे।


एक रुपये का सिक्का: विशेषताएँ और निर्माण सामग्री 


भारतीय मुद्रा के तहत, एक रुपये के सिक्के का निर्माण स्टेनलेस स्टील से किया जाता है। इस सिक्के का व्यास 21.93 मिलीमीटर, मोटाई 1.45 मिलीमीटर और वजन 3.76 ग्राम है। यह सिक्का 1992 से प्रचलन में है और इसे भारतीय सरकार द्वारा जारी किया गया है।


निर्माण लागत का अनजाना रहस्य 

एक रुपये का सिक्का केवल एक रुपये का मूल्य रखता है, उसकी निर्माण लागत ₹1.11 है। यह स्थिति एक दिलचस्प प्रश्न को उठाती है: "क्यों एक रुपये का सिक्का बनाने की लागत उसके मूल्य से अधिक है?" इसके पीछे का कारण यह है कि निर्माण प्रक्रियाएं, कच्चे माल की लागत, श्रम और अन्य कारक मिलकर सिक्के की उत्पादन लागत को प्रभावित करते हैं।


  • इसी संदर्भ में गूगल (Google) ने एक विज्ञापन अभियान "Googlies on Google" शुरू किया है, जिसमें उपयोगकर्ता ऐसे सामान्य ज्ञान के प्रश्नों के उत्तर खोज सकते हैं. इस अभियान का हैशटैग #DhoondogeTohJaanoge है। जब आप "एक रुपये के सिक्के की निर्माण लागत" जैसे प्रश्नों की खोज करते हैं, तो आपको एक संदेश मिलता है: "बधाई हो! आपने अपना पहला गूगली अनलॉक किया है!" यह न केवल जानकारीपूर्ण है बल्कि ज्ञान को बढ़ावा देने का एक मजेदार तरीका भी है।
  • इस तरह, एक रुपये का सिक्का सिर्फ एक मुद्रा नहीं है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था और इसके निर्माण प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उसकी निर्माण लागत उसके मूल्य से अधिक होने की स्थिति यह दर्शाती है कि मुद्रा का निर्माण एक जटिल और विचारशील प्रक्रिया है। तो अगली बार जब आप एक रुपये का सिक्का देखें, तो उसकी निर्माण लागत और उसके पीछे की कहानी को याद रखें!

कौन छापता है करेंसी?

आपको बता दें कि भारतीय करेंसी में कुछ नोट और सिक्के सरकार की ओर से छापे जाते हैं, जबकि कुछ नोट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से छापे जाते हैं। सरकार की ओर से एक रुपये का नोट और सभी सिक्के छापे जाते हैं जबकि 2 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के नोट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से छापे जाते हैं। पहले आरबीआई ही 2000 रुपये का नोट छापता था, लेकिन अब आरबीआई की ओर से 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला किया गया है।
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